(न्यूयॉर्क से भास्कर के लिए मोहम्मद अली) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कार्यकाल मीडिया से बिगड़े संबंधों के लिए यादगार बनता जा रहा है। पत्रकारों के तीखे सवालों से ट्रम्प कई बार प्रेस-ब्रीफिंग भी छोड़कर जा चुके हैं। कैमरे के सामने उनके सवाल अनसुना करने का दिखावा कर चुके हैं और तंग आकर मीडिया और पत्रकारों को ‘लोगों का दुश्मन’ बता चुके हैं।
सीएनएन के जिम अकोस्टा, हफिंग्टन पोस्ट के एसवी दाते और क्रिस वॉलेस ऐसे ही पत्रकार हैं जिन्हें देखते ही ट्रम्प के हाव-भाव बदल जाते हैं। इनसे भास्कर ने बात की और जाना कि आखिर क्यों ट्रम्प उनके निशाने पर रहते हैं। पढ़ें संपादित अंश...
गुस्सा आया ताे ट्रम्प ने सीएनएन को ‘लोगों का दुश्मन’ बताया
सीएनएन के पत्रकार जिम अकोस्टा को ट्रम्प समर्थकों से धमकियां मिलती हैं। उन्हें बॉडीगार्ड तक रखने पड़े। 2018 में उनके सवाल से झल्लाए ट्रम्प ने जिम व सीएनएन काे ‘लोगों का दुश्मन’ तक कह डाला। जिम कहते हैं कि अमेरिका में इस वक्त ऐसा माहौल है कि पत्रकारों को भी बॉडीगार्ड्स रखने पड़ रहे हैं। आप समझ सकते हैं कि इन हालात में हम कैसे काम कर रहे हैं।
ट्रम्प को लगता है कि मेरी वजह से उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है
हफिंग्टन पोस्ट के शिरीष दाते ने ट्रम्प से पूछा था- आपने जितने झूठ बोले हैं, उन पर पछतावा है? ट्रम्प बिना उत्तर दिए ही परे देखने लगे। दाते कहते हैं- ट्रम्प को लगता है मेरी किताब ‘द यूजफुल इडियट: हाउ डोनाल्ड ट्रम्प किल्ड द रिपब्लिकन पार्टी विथ रेसिज्म एंड कोरोनावायरस’ से उनकी छवि खराब हुई है। मैं काफी समय से यह सवाल पूछना चाहता था। लेकिन मौका अब मिला।
सच से कतराते हैं ट्रम्प, काेराेना से निपटने का उनका तरीका गलत
फॉक्स न्यूज के क्रिस वॉलेस ने जुलाई में ट्रम्प का इंटरव्यू लिया था। वे लगातार सवाल पूछ रहे थे और ट्रम्प जवाब नहीं दे पा रहे थे। कोरोना से निपटने के तरीके से जुड़े सवाल पर उनकी हालत देखने लायक थी। क्रिस कहते हैं, ट्रम्प सच से कतराते हैं, उनका सामना नहीं कर पाते। यही वजह है कि महामारी आने के बाद अमेरिकी लोगों का विश्वास ट्रम्प की जगह बिडेन पर बढ़ता जा रहा है।
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